संन्यास पर गम, भारत रत्न मिलने से खुशी
मुश्किल से मिलेगा दूसरा सचिन
लखनऊ। पूरे करियर में गलतबयानी नहीं, मैदान के भीतर या बाहर कोई विवाद नहीं, शर्मिन्दगी का एक पल नहीं। शनिवार को क्रिकेट से विदा लेने वाले सचिन तेंदुलकर एक संत से कम नहीं रहे जिन्होंने अपनी विनम्रता से युवा पीढ़ी के क्रिकेटरों को सिखाया कि शोहरत और दबाव का सामना कैसे करते हैं। यह उनकी शोहरत व विनम्रता ही थी जिसने उन्हें क्रिकेट के भगवान का दर्जा दिलाया। इसी के चलते उनके हर उम्र के प्रशंसक बहुत दु:खी नजर आए। क्रिकेट ही नहीं खेलों के प्रति नजरिया बदलने वाले मास्टर लास्टर को भारत रत्न देने की घोषणा पर प्रशंसकों ने कहा कि क्रिकेट को इतना कुछ देने वाले सचिन के लिए यह सही सम्मान है।
पूर्व रणजी क्रिकेटर तथा 1994 के लखनऊ में हुए भारत-श्रीलंका टेस्ट के दौरान भारतीय टीम के स्थानीय मैनेजर रहे अशोक बांबी ने कहा कि सचिन का व्यक्तित्व इतना विशाल है कि उनके बारे में कहने के लिए शद ही नहीं बचे है। मैने डान ब्रैडमैन को नहीं देखा लेकिन सचिन ने जैसा खेल दिखाया उनका कोई सानी नहीं होगा। मेरे हिसाब से वह विश्व क्रिकेट का इतिहास पुरुष है। सचिन को भारत रत्न दिया जाना एकदम सही कदम है तथा मेरा सुझाव ये भी है कि उप्र सरकार भी सचिन का नागरिक अभिनंदन करे।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के सेंट्रल जोन के निदेशक, यूपी की चयन समिति के सदस्य तथा यूपी टीम के कोच रहे ज्ञानेंद्र पांडेय के अनुसार सचिन को भारत रत्न दिया जाना वाकई एक अच्छा कदम है। सचिन जूनियर क्रिकेटरों के लिए एक जीती-जागती पाठशाला कि कैसे अनुशासन व अच्छा व्यवहार किया जाता है। उनके संन्यास के बाद क्रिकेट में खालीपन की भरपाई करना मुश्किल होगा क्योंकि सचिन न सिर्फ क्रिकेट के भगवान है बल्कि एक अच्छे इंसान भी है। मेरी निगाह में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता।
यूपी की अंडर-19 टीम के कोच रत्नेश मिश्रा ने कहा कि सचिन क्रिकेट के दूत है जिन्होंने क्रिकेट को इस ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यह सचिन सहित दिग्गज क्रिकेटरों की पहल थी कि बीसीसीआई से रणजी क्रिकेटरों को 13 प्रतिशत मैच फीस मिलने लगी। मास्टर लास्टर के चलते क्रिकेट व अन्य खेलों की परिभाषा बदली तथा अब लोग कहने लगे है कि खेलोगे-कूदोगे तो भी बनोगे नवाब।
पूर्व राष्ट्रीय एथलीट बीआर वरुण के अनुसार सचिन सबसे मूल्यवान खेल सितारे हैं। हालांकि हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को पहले भारत रत्न देना चाहिए था जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाए थे। सरकार को मेजर ध्यानचंद को भी भारत रत्न से सम्मानित करने की पहल करनी चाहिए।
कैसरबाग स्टेशन के स्टेशन मैनेजर व पूर्व क्रिकेटर शशिकांत सिंह के अनुसार सचिन को देखने की जो आदत पड़ गयी है, उसके चलते अब मैदान में खालीपन तो लगेगा ही। उन्हें भारत रत्न देने से अन्य खिलाडिय़ों को भी यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का रास्ता खुलेगा। केडी सिंह बाबू स्टेडियम के कोच शाहनवाज बख्तियार ने कहा कि सचिन ने जिस तरह 24 साल तक क्रिकेट की निष्काम सेवा की है उसके लिए भारत रत्न बिल्कुल सही सम्मान है। हालांकि उनके बाद खाली स्थान की भरपाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
संन्यास का गम तो भारत रत्न मिलने की खुशी : सचिन को भारत रत्न मिलने की खबर पहुंचते ही केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उनके संन्यास से दु:खी बेमन से अभ्यास कर रहे क्रिकेटरों ने जमकर खुशी जताई। इनमें पहली कक्षा के छात्र हरतरन चड्ढा ने कहा, सचिन को सलाम। वहीं विवेक प्रसाद, मृदुल राणा, सचिन गुप्ता, बृजेश यादव, प्रखर मिश्रा, निश्चय, मुस्तकीम खान, मोहित, रितिक धानुक व रोशन सिंह ने कहा कि उन्हें क्रिकेट के भगवान की कमी खलेगी।
http://www.dnahindi.com/NewsDetail.aspx?NewsId=000396
मुश्किल से मिलेगा दूसरा सचिन
लखनऊ। पूरे करियर में गलतबयानी नहीं, मैदान के भीतर या बाहर कोई विवाद नहीं, शर्मिन्दगी का एक पल नहीं। शनिवार को क्रिकेट से विदा लेने वाले सचिन तेंदुलकर एक संत से कम नहीं रहे जिन्होंने अपनी विनम्रता से युवा पीढ़ी के क्रिकेटरों को सिखाया कि शोहरत और दबाव का सामना कैसे करते हैं। यह उनकी शोहरत व विनम्रता ही थी जिसने उन्हें क्रिकेट के भगवान का दर्जा दिलाया। इसी के चलते उनके हर उम्र के प्रशंसक बहुत दु:खी नजर आए। क्रिकेट ही नहीं खेलों के प्रति नजरिया बदलने वाले मास्टर लास्टर को भारत रत्न देने की घोषणा पर प्रशंसकों ने कहा कि क्रिकेट को इतना कुछ देने वाले सचिन के लिए यह सही सम्मान है।
पूर्व रणजी क्रिकेटर तथा 1994 के लखनऊ में हुए भारत-श्रीलंका टेस्ट के दौरान भारतीय टीम के स्थानीय मैनेजर रहे अशोक बांबी ने कहा कि सचिन का व्यक्तित्व इतना विशाल है कि उनके बारे में कहने के लिए शद ही नहीं बचे है। मैने डान ब्रैडमैन को नहीं देखा लेकिन सचिन ने जैसा खेल दिखाया उनका कोई सानी नहीं होगा। मेरे हिसाब से वह विश्व क्रिकेट का इतिहास पुरुष है। सचिन को भारत रत्न दिया जाना एकदम सही कदम है तथा मेरा सुझाव ये भी है कि उप्र सरकार भी सचिन का नागरिक अभिनंदन करे।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के सेंट्रल जोन के निदेशक, यूपी की चयन समिति के सदस्य तथा यूपी टीम के कोच रहे ज्ञानेंद्र पांडेय के अनुसार सचिन को भारत रत्न दिया जाना वाकई एक अच्छा कदम है। सचिन जूनियर क्रिकेटरों के लिए एक जीती-जागती पाठशाला कि कैसे अनुशासन व अच्छा व्यवहार किया जाता है। उनके संन्यास के बाद क्रिकेट में खालीपन की भरपाई करना मुश्किल होगा क्योंकि सचिन न सिर्फ क्रिकेट के भगवान है बल्कि एक अच्छे इंसान भी है। मेरी निगाह में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता।
यूपी की अंडर-19 टीम के कोच रत्नेश मिश्रा ने कहा कि सचिन क्रिकेट के दूत है जिन्होंने क्रिकेट को इस ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यह सचिन सहित दिग्गज क्रिकेटरों की पहल थी कि बीसीसीआई से रणजी क्रिकेटरों को 13 प्रतिशत मैच फीस मिलने लगी। मास्टर लास्टर के चलते क्रिकेट व अन्य खेलों की परिभाषा बदली तथा अब लोग कहने लगे है कि खेलोगे-कूदोगे तो भी बनोगे नवाब।
पूर्व राष्ट्रीय एथलीट बीआर वरुण के अनुसार सचिन सबसे मूल्यवान खेल सितारे हैं। हालांकि हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को पहले भारत रत्न देना चाहिए था जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाए थे। सरकार को मेजर ध्यानचंद को भी भारत रत्न से सम्मानित करने की पहल करनी चाहिए।
कैसरबाग स्टेशन के स्टेशन मैनेजर व पूर्व क्रिकेटर शशिकांत सिंह के अनुसार सचिन को देखने की जो आदत पड़ गयी है, उसके चलते अब मैदान में खालीपन तो लगेगा ही। उन्हें भारत रत्न देने से अन्य खिलाडिय़ों को भी यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का रास्ता खुलेगा। केडी सिंह बाबू स्टेडियम के कोच शाहनवाज बख्तियार ने कहा कि सचिन ने जिस तरह 24 साल तक क्रिकेट की निष्काम सेवा की है उसके लिए भारत रत्न बिल्कुल सही सम्मान है। हालांकि उनके बाद खाली स्थान की भरपाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
संन्यास का गम तो भारत रत्न मिलने की खुशी : सचिन को भारत रत्न मिलने की खबर पहुंचते ही केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उनके संन्यास से दु:खी बेमन से अभ्यास कर रहे क्रिकेटरों ने जमकर खुशी जताई। इनमें पहली कक्षा के छात्र हरतरन चड्ढा ने कहा, सचिन को सलाम। वहीं विवेक प्रसाद, मृदुल राणा, सचिन गुप्ता, बृजेश यादव, प्रखर मिश्रा, निश्चय, मुस्तकीम खान, मोहित, रितिक धानुक व रोशन सिंह ने कहा कि उन्हें क्रिकेट के भगवान की कमी खलेगी।
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