पी.कश्यप के लिए होगी ओलंपिक की होड़ में बने रहने की चुनौती
बेहतर प्रदर्शन से ओलंपिक में शामिल हो सकते हैं मनु व सुमित
लखनऊ। इस साल होने वाले रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने के लिए इस समय भारतीय शटलरों का ध्यान आगामी टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन करने पर है ताकि वह ओलंपिक के लिए अपनी बर्थ पुख्ता कर सके। हालांकि पी.कश्यप, ज्वाला गुट्टा व अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी के लिए आने वाले टूर्नामेंट किसी चुनौती से कम नहीं होंगे जहां प्रदर्शन में सुधार से उन्हें ओलंपिक में अपनी स्थिति बेहतर करने का मौका मिलेगा। दूसरी तरफ मनु अत्री व बी.सुमित रेड्डी की पुरुष युगल में देश की शीर्ष जोड़ी के सामने भी अच्छा मौका होगा। विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर काबिज यह जोड़ी अच्छे प्रदर्शन से ओलंपिक की होड़ में शामिल हो सकते हैं। इस लिहाज से लखनऊ मे 26 से 31 जनवरी तक होने वाला सैयद मोदी ग्रांपी गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट भारतीय शटलरों के लिए अच्छा मौका हो सकता है जहां वह घरेलू दर्शकों के सामने अच्छा प्रदर्शन कर अपनी रैंकिंग में सुधार के साथ ओलंपिक की होड़ में शामिल हो सकते है। बताते चले कि बैडमिंटन वल्र्ड फेडरेशन ने लखनऊ के सबसे प्रतिष्ठिïत इस टूर्नामेंट को ओलंपिक रैंकिंग टूर्नामेंट में शामिल कर दिया है तथा यहां मिले रैंकिंग अंक ओलंपिक अभियान में भारतीय शटलरों के खासे मददगार हो सकते है। राष्टï्रीय बैडमिंटन कोच पी.गोपीचंद ने भी हाल ही में उम्मीद जाहिर की थी कि इस बार रियो ओलंपिक में भारतीय शटलरों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और शटलरों के प्रदर्शन में सुधार से ज्यादा पदकों की उम्मीद की जा सकती है। हाई वोल्टेज एक्शन से भरे खेल बैडमिंटन में पिछले लंदन ओलंपिक 2012 में साइना नेहवाल ने कांस्य पदक जीता था तो पी.कश्यप पुरुष सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे तथा किसी पुरुष भारतीय शटलर की यह सर्वश्रेष्ठï उपलब्धि रही है। वर्तमान में पुरुष सिंगल्स में विश्व रैंकिंग में 15वेंं स्थान पर काबिज पी.कश्यप के लिए आने वाला समय किसी चुनौती से कम नहीं होगा। एक तरफ उन्हें आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा ताकि वह ओलंपिक की होड़ में वह अपनी स्थिति मजबूत कर सके। पी.कश्यप पिछले सैयद मोदी बैडमिंटन टूर्नामेंट में विजेता रहे थे लेकिन इसके बाद वह खास प्रदर्शन नहीं कर सके है। वहीं चोट के कारण उनकी रैंकिंग पर भी प्रभाव पड़ा है। कश्यप उसके बाद आल इंज्लैंड सुपर सीरीज में पहले दौर में ही हार गए थे। वहीं घरेलू दिल्ली सुपर सीरीज में भी वह क्वार्टर फाइनल में पहुुंचने में नाकाम रहे थे। ठीक यहीं बात महिला डबल्स में 14वें स्थान पर काबिज ज्वाला गुट्ïटा व अश्विनी पोनप्पा के लिए भी कही जा सकती है क्योंकि उन्हें भी अच्छे प्रदर्शन से ओलंपिक के लिए अपनी स्थिति बेहतर करने का मौका मिलेगा। वहीं पुरुष डबल्स में देश की शीर्ष जोड़ी मनु अत्री व बी.सुमित रेड्ïडी जो विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर है के सामने भी आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन कर अपनी रैंकिंग सुधारने का मौका होगा ताकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की होड़ में शामिल हो सके। वहीं अन्य भारतीय शटलरों को देखे पिछले ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल विश्व रैंकिंग में महिला सिंगल्स में दूसरे तथा विश्व बैैडमिंटन चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधु 12वें स्थान पर है। सिंधु की माने तो अब उनका ध्यान सिर्फ अच्छे प्रदर्शन पर है ताकि वह ओलंपिक में इससे बेहतर रैंकिंग के साथ प्रवेश कर सके। वहीं पुरुष सिंगल्स में नौवें स्थान पर काबिज के. श्रीकांत भी सेफ जोन में कहे जा सकते है, बस उनके सामने भी वहीं चुनौती होगी जो पीवी सिंधु के सामने है।
ओलंपिक क्वालीफाई करने के नियम:
बैडमिंटन विश्व फेडरेशन इस साल 5 मई को विश्व रैंकिंग जारी करेगी जो रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने के लिए कट ऑफ रैंकिंग होगी। नियमों के मुताबिक विश्व रैंकिंग में हर श्रेणी में एक से 16वें पायदान पर काबिज शटलरों को ओलंपिक में खेलने का मौका मिलेगा। हालांकि हर देश प्रत्येक श्रेणी में अधिकतम दो शटलर ही उतार सकता है।
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