कनाडाई हॉकी को सींचने में तेजिंदर ने भी बहाया पसीना
टीम में शामिल बेटे कबीर का हौसला बढ़ाने पहुंचे
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tejinder singh ojhla |
इन्हीं खिलाड़ियों में से एक है सेंटर फारवर्ड कबीर ओझला जिनके पिता तेजिंदर सिंह अपने जमाने के मशहूर सेंटरहॉफ थे तथा कनाडा में जूनियर डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाने का श्रेय उन्हीं को हैं। अपने बच्चों यानि पूरी टीम का हौसला बढ़ाने आए तेजिंदर सिंह सपरिवार पत्नी रघुबीर कौर संग पहुंचे हैं।
बनाया यूनाईटेड ब्रदर्स हॉकी क्लब, जूनियर टीम के रहे हैं स्किल कोच
बात हॉकी से मोहब्बत की करें तो कनाडा जाने के बावजूद तेजिंदर ने हॉकी की जड़ों को नहीं छोड़ा और सरी में यूनाईटेड ब्रदर्स नाम से एक हॉकी क्लब भी बनाया है। कनाडा की टीम में शामिल 18 भारतीय खिलाड़ियों में सात-आठ इसी क्लब के हैं। तेजिंदर ने 2004 में कनाडा के जूनियर टीम प्रोग्राम चलाया था तथा 2011-13 में कनाडा की जूनियर टीम के स्किल कोच रहे हैं।
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kabir ojhla |
दोनों बेटे खेलते हैं हॉकी
तेजिंदर के छोटे बेटे बेटे सेंटर फारवर्ड कबीर इस टीम में शामिल है जबकि उनके बड़े बेटे सनी सिंह ओझला जो कनाडा के सीनियर डेवलपमेंट प्रोग्राम में हैं को 2013 विश्वकप में कनाडा टीम में चयन किया गया था लेकिन चोटिल होने के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था।
कनाडा की तीसरी आधिकारिक भाषा है पंजाबी
तेजिंदर बताते है कि कनाडा में पंजाबी लोग इतने ज्यादा है कि वहां पर अंग्रेजी, फ्रेंच के बाद पंजाबी तीसरी आधिकारिक भाषा हैं। यहां तक कि कनाडा के एयरपोर्ट पर पंजाबी में एनाउसंमेंट भी होता है। यहीं नहीं कनाडा की संसद में 20 एमपी भारतीय पंजाबी मूल के हैं। तेजिंदर बताते है कि सरी में दो टर्फ है।
गांव में भी चलाते हैं हॉकी अकादमी
तेजिंदर अपने गांव कुकुड़पिंड में गोविंद हॉकी अकादमी नामक एक हॉकी अकादमी भी चलाते हैं। जहां 40-50 बच्चो को हॉकी ट्रेनिंग दी जाती है। इस अकादमी में हास्टल की भी सुविधा है तथा यहां का पूरा खर्च तेजिंदर भी उठातेहैं। तेजिंदर बोलते है कि वह इस टूर्नामेंट के बाद अपने गांव भी जाएंगे ताकि अपने बच्चों को तीसरी बार अपनी मिट्टी की खुशूब से रूबरू करा सकें।
पंजाब में हॉकी की नर्सरी से है नाता
1985 से 1989 तक भारतीय टीम के कैंप में भी शामिल रहे हैं। जालंधर के पास कुकुड़पिंड नाम के गांव के रहने वाले तेजिंदर बीएसएपफ में इंस्पेक्टर थे तथा 1988 में कनाडा चलेगए थे जहां उनका रियल एस्टेट का कारोबार है। यहां यह भी बताते चले कि कुकुड़पिंड के पास संसारपुर, मीठापुर, खुसरोपुर आदि गांव ऐसे है जो भारत की हॉकी की नर्सरी कहे जाते हैं। अब तक भारतीय टीम में शामिल खिलाड़ियों में से ज्यादातर इसी गांव से निकले हैं।
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