ग्रामीण ओलंपिक 31 अक्टूबर को, ग्रामीणों से लेकर महिला, श्रमिक, पल्लेदार, बच्चे व बुजुर्ग भी दिखाएंगे दम
लखनऊ। उत्तरप्रदेश नॉन ओलंपिक एसोसिएशन के तत्वाधान में 31 अक्टूबर को ग्राम भौंली नगर पंचायत बख्शी का तालाब में एक दिवसीय ग्रामीण ओलंपिक, परम्परागत एवं भूले बिसरे खेल करा रही है। इसके लिए भौंली गांव को एक खेल गांव के रूप में तैयार किया जा रहा है।
यहां ग्रामीणों से लेकर महिलाओं, श्रमिकों, पल्लेदारों, बालिकाओं, बच्चों व बुजुर्गों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगितायें होगी। एसोसिएशन के सचिव एके सक्सेना ने बताया कि यहां महिलाओं हेतु हैंड पंप से पानी भरना, भैंस दुहना, रस्साकसी तथा गुटट्क की स्पर्धाएं होंगी।
इसके साथ बालिकाओं के लिए रस्सी कूद व गिप्पल होंगे तो पल्लेदारों के लिए तीन बच्चे लादकर 50 मीटर चलना तथा ट्राली में 50 किलो के बोरे लादना की स्पर्धा होगी। इसके साथ ग्रामीण श्रमिकों के लिए ईट फेंकना, ईंट सिर पर ढ़ोना, तीन किमी की दूधिया साइकिल रेस होगी।
इसके साथ बुजुर्गों, जन प्रतिनिधियों की 100 मीटर दौड़ व वॉक प्रतियोगिता तो बच्चों के लिए गुल्लीडंडा, पैर मुट्ठी जम्प, एसएमएस प्रतियोगिता तथा साइकिल टायर चलाने की स्पर्धा होगी।एके सक्सेना ने बताया कि हमारी एसोसिएशन इन खेलों की पहचान वापस दिलाने हेतु 2001 से कोशिश कर रही हैं।
वहीं अध्यक्ष अजय दीप सिंह (रिटायर्ड आईएएस) ने बताया कि इन खेलो के विजेताओं को मेडल के स्थान पर स्वदेशी उत्पाद यथा देशी धी, आचार, मुरब्बा, कम्बल, साड़ी, डीजल या दैनिक उपयोग में आने वाले सामान दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन खेलों में लगभग 500 गामीण खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है।
यहां ग्रामीणों से लेकर महिलाओं, श्रमिकों, पल्लेदारों, बालिकाओं, बच्चों व बुजुर्गों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगितायें होगी। एसोसिएशन के सचिव एके सक्सेना ने बताया कि यहां महिलाओं हेतु हैंड पंप से पानी भरना, भैंस दुहना, रस्साकसी तथा गुटट्क की स्पर्धाएं होंगी।
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प्रतीकात्मक चित्र |
इसके साथ बालिकाओं के लिए रस्सी कूद व गिप्पल होंगे तो पल्लेदारों के लिए तीन बच्चे लादकर 50 मीटर चलना तथा ट्राली में 50 किलो के बोरे लादना की स्पर्धा होगी। इसके साथ ग्रामीण श्रमिकों के लिए ईट फेंकना, ईंट सिर पर ढ़ोना, तीन किमी की दूधिया साइकिल रेस होगी।
इसके साथ बुजुर्गों, जन प्रतिनिधियों की 100 मीटर दौड़ व वॉक प्रतियोगिता तो बच्चों के लिए गुल्लीडंडा, पैर मुट्ठी जम्प, एसएमएस प्रतियोगिता तथा साइकिल टायर चलाने की स्पर्धा होगी।एके सक्सेना ने बताया कि हमारी एसोसिएशन इन खेलों की पहचान वापस दिलाने हेतु 2001 से कोशिश कर रही हैं।
वहीं अध्यक्ष अजय दीप सिंह (रिटायर्ड आईएएस) ने बताया कि इन खेलो के विजेताओं को मेडल के स्थान पर स्वदेशी उत्पाद यथा देशी धी, आचार, मुरब्बा, कम्बल, साड़ी, डीजल या दैनिक उपयोग में आने वाले सामान दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन खेलों में लगभग 500 गामीण खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है।
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