लखनऊ। संस्कृत शासनाचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के आचार्य पदारोहण के स्वर्णिम वर्ष के उपलक्ष पर डाक विभाग द्वारा आयोजित विशेष आवरण विमोचन समारोह का आयोजन सोमवार को गोमतीनगर जैन मंदिर मे किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि मुख्य पोस्टमास्टर लखनऊ के.एस. बाजपेयी ने विमोचन करते हुए कहा कि आज पूरे देश के 14 स्थानो पर एक साथ भारतीय डाक विभाग द्वारा आचार्य विद्यासागर जी के संस्कृत शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव वर्ष 2021-22 के उपलक्ष में डाक लिफाफे का आवरण एवं विमोचन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक आप कुछ पाने की इच्छा रखेंगे तब तक दुख ही प्राप्त होगा। लेकिन जिस दिन से आप दूसरो की मदद करने की सोचेंगे, उस दिन से आप सुखी रहेंगें। देने की भावना हो लेने की नही। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त आशू जैन ने गुरुदेव की महीमा का बखान किया।
जीएसटी कमिश्नर राजेश ने कहा कि दान देने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। जैन समाज के लोग दान देने में आगे रहते हैं। वृषभ जैन ने आचार्य जी का एक संदेश सुनाया। इंडिया नही भारत बोलो, स्वदेशी पहनो, स्वावलंबन लाओ,
उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी के प्रेरणा से विभिन्न स्थानों पर चलाए जा रहे कार्यों जैसे कि हथकरघा, गौशाला, आयुर्वेद चिकित्सा अनेक तीर्थ की चर्चा की।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अर्चना जैन ने मंगलाचरण से दुनिया में गुरु हजारों हैं विद्यासागर का क्या कहना..., सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। बाद मे सभी ने 50 दीपकों से आचार्य श्री की आरती की। संचालन डा. प्रदीप जैन ने किया। इस मौके पर वृष प्रसाद जैन, राजीव जैन, प्रदीप जैन, आलोक जैन अमित जैन, निकांत जैन मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि जब तक आप कुछ पाने की इच्छा रखेंगे तब तक दुख ही प्राप्त होगा। लेकिन जिस दिन से आप दूसरो की मदद करने की सोचेंगे, उस दिन से आप सुखी रहेंगें। देने की भावना हो लेने की नही। विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त आशू जैन ने गुरुदेव की महीमा का बखान किया।
जीएसटी कमिश्नर राजेश ने कहा कि दान देने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। जैन समाज के लोग दान देने में आगे रहते हैं। वृषभ जैन ने आचार्य जी का एक संदेश सुनाया। इंडिया नही भारत बोलो, स्वदेशी पहनो, स्वावलंबन लाओ,
उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी के प्रेरणा से विभिन्न स्थानों पर चलाए जा रहे कार्यों जैसे कि हथकरघा, गौशाला, आयुर्वेद चिकित्सा अनेक तीर्थ की चर्चा की।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अर्चना जैन ने मंगलाचरण से दुनिया में गुरु हजारों हैं विद्यासागर का क्या कहना..., सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। बाद मे सभी ने 50 दीपकों से आचार्य श्री की आरती की। संचालन डा. प्रदीप जैन ने किया। इस मौके पर वृष प्रसाद जैन, राजीव जैन, प्रदीप जैन, आलोक जैन अमित जैन, निकांत जैन मौजूद रहे।
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